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हाइपर एसिडिटी (Hyperacidity) या अम्लपित्त तब होती है, जब आपके पेट के अंदर बहुत ज्यादा एसिड या अम्ल बनने लग जाते हैं, जो शायद बाहर भी निकल सकते हैं। इसकी वजह से हार्टबर्न, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) और एसिड रिफ्लक्स डिजीज (acid reflux disease) जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है। ये शायद एक बहुत अनकम्फ़र्टेबल एक्सपीरियंस हो सकता है, इसलिए आप भी तुरंत इससे राहत पाने की तलाश में होंगे। अच्छा होगा अगर आप अपने लक्षणों को काबू में करने के लिए नेचुरल ट्रीटमेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके लक्षण बहुत ज्यादा गंभीर हैं या फिर हफ्ते में दो बार से ज्यादा नजर आते हैं, तो अच्छा होगा अगर आप डॉक्टर को दिखा लें। इसके साथ ही, कोई भी हर्बल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करने से पहले, खासतौर से अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो डॉक्टर से इसके बारे में जरूर बात कर लें।

विधि 1
विधि 1 का 4:

असरदार ट्रीटमेंट (Effective Treatments)

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  1. खाने-पीने की ऐसी चीजों से दूर रहें, जो आपके लक्षणों को बढ़ाती हैं: आपको अपने खाने और पीने की उन चीजों का ट्रेक रखने की जरूरत होगी, जिनकी वजह से आपको कोई भी परेशानी हो रही है। आपने जो भी कुछ खाया उसे लिखकर रख लें और फिर देखें की एक घंटे के बाद आपको कैसा महसूस होता है। अगर एक घंटे पहले खाई किसी चीज से आपको तकलीफ हो रही है, तो इसका मतलब आपको उस फूड को अपनी डाइट में से अलग कर देना चाहिए। [१] हाइपर एसिडिटी को बढ़ाने वाले कुछ कॉमन फूड्स में, ये नाम शामिल हैं:
    • खट्टे फल (Citrus fruit)
    • कैफीन वाली ड्रिंक (Caffeinated beverages)
    • चॉकलेट
    • टमाटर
    • लहसुन, प्याज
    • अल्कोहल
    • नोट: इनमें से ज्यादातर फूड्स के ऊपर इतनी स्टडी की जा चुकी हैं, कि इन्हें इसके ट्रिगर के पीछे का निश्चित रूप से जिम्मेदार माना जा सकता है। [२] इस लिस्ट को अवॉइड करने से भी अच्छा होगा कि आप ये पता लगाएँ कि आपके लक्षण किन चीजों की वजह से सामने आते हैं।
  2. अगर ये लक्षण आपकी नींद को प्रभावित करते हैं, तो अपने सिर को ऊंचा उठाकर सोएँ: अगर आपके बेड में ऐसा किया जा सकता है, तो उसके हैड को 6 से 8 इंच तक ऊंचा कर लें। ग्रेविटी एसिड को आपके पेट में ही रखेगी। हालांकि, एक्सट्रा तकिये से ऐसा न करें। इनकी वजह से आपकी गर्दन और शरीर इस तरह से मुड़ जाता है, कि ये प्रैशर को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। ये हाइपर एसिडिटी को और भी बदतर बना देगा। [३] [४]
  3. अपने डॉक्टर से पूछें अगर आपको वजन कम करके कोई फायदा मिल सकता हो: अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है, तो वजन कम करना आपके लोअर एसोफैगियल स्फ़िंक्चर (esophageal sphincter) से प्रैशर कम कर देगा, जो आपके पेट के एसिड को बाहर निकलने से रोक लेगा। हालांकि, हो सकता है कि आपको वजन कम करने की कोई जरूरत न हो, इसलिए ऐसा करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इसके बारे में बात कर लें। फिर, फ्रेश चीजें और लीन प्रोटीन वाली एक एक हेल्दी डाइट का सेवन करें और हर दिन 30 मिनट की एक्सरसाइज शामिल करें। [५] [६]
  4. एक समय पर आप जो भी खाते हैं, उसकी मात्रा को थोड़ा सा कम कर लें। इससे शायद आपके पेट पर पड़ने वाले स्ट्रेस और प्रैशर के ऊपर थोड़ी कमी आएगी। [७] [८]
    • छोटे प्लेट और कटोरे का इस्तेमाल करना मदद कर सकता है, क्योंकि ये हमारे मन को ऐसा अहसास कराता है, जैसे कि हम असल में बहुत ज्यादा कुछ खा रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ हो तो नहीं रहा है।
  5. अपने डाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए धीरे-धीरे खाएं: हर एक बाइट को कई बार चबाएँ, फिर दूसरी बाइट लेने से पहले उसे निगल लें। ये खाने को और भी आसानी से और जल्दी पचाने में आपके पेट की मदद करेगा, जिसे आपके पेट में दबाव बनाने के लिए ज्यादा खाना ही नहीं रहेगा। [९] [१०]
    • आप चाहें तो हर एक बाइट के बाद में अपनी चम्मच को नीचे रखकर खुद को और भी धीमा कर सकते हैं।
  6. प्रैशर हाइपर एसिडिटी के डिस्कंफ़र्ट और भी ज्यादा बढ़ा देगा। आपको शायद हाइटल हर्निया (hiatal hernias, जब पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम से ऊपर चला जाता है) के कारण, प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर ओवरवेट होने पर अतिरिक्त दबाव का अनुभव हो सकता है। [११]
    • ऐसे कपड़े न पहनें, जो आपके पेट या एब्डोमेन को दबाते हों। [१२]
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कुछ संभावित असरदार इलाज (Possibly Effective Treatments)

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  1. हाइपर एसिडिटी वाले काफी सारे लोग एक सेब खाकर अपने पेट को सेटल करते हैं। सेब को आमतौर पर इस कंडीशन के लिए सेफ माना जाता है, इसलिए फिर क्यों न इसे अपना कमाल दिखाने का एक मौका दिया जाए? [१३] बस इतना ध्यान रखें कि ये एक वास्तविक सच्चाई है और सेब के ऐन्टैसिड गुणों के बारे में दावे एकदम झूठ हैं। [१४]
  2. अपने पेट को शांत करने के लिए अदरक की चाय (ginger tea) पिएं: वैसे इसे एक हाइपर एसिडिटी ट्रीटमेंट की तरह इस्तेमाल करने के सपोर्ट में कोई सबूत नहीं है, लेकिन अदरक से पेट को आराम मिलते पाया गया है। [१५] या तो जिन्जर टी बैग्स ले आएँ या फिर और भी बेहतर होगा, करीब 1 चम्मच तक फ्रेश अदरक को काटें, उसे उबलते पानी में डालें, करीब 5 मिनट तक उबालें और इसके बाद पी जाएँ। ऐसा दिन में किसी भी समय पर, लेकिन खासतौर से खाना खाने से 20 से 30 मिनट पहले करें।
    • अदरक मितली और उल्टी में भी मदद कर सकता है। अदरक की चाय को प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सेफ माना जाता है। [१६]
  3. रात में खाने से बचें, ताकि खाने की वजह से आपके पेट पर कोई प्रैशर न पड़े: हालांकि ऐसा निश्चित तो नहीं है, लेकिन ज़्यादातर स्पेशलिस्ट मानते हैं कि लेट नाइट कुछ खाना, इन लक्षणों को और भी बदतर बना देता है। [१७] सोते समय खाने से आपके लोअर एसोफैगियल स्फ़िंक्चर (LES) के ऊपर प्रैशर पड़ने से रोकने के लिए सोने जाने के 2-3 घंटे पहले कुछ न खाएं।
  4. स्ट्रेस कम करें , ताकि आपको हमेशा बेहतर महसूस हो: कुछ रिसर्च के अनुसार, स्ट्रेस रिफ्लक्स के लक्षणों को काफी बदतर बना देता है, लेकिन ये बाहरी रूप से कोई असर नहीं दिखाता है। [१८] [१९] अपने खुद के कंफ़र्ट के लिए, उन स्थितियों की पहचान करें जिनमें आपको स्ट्रेस और एकदम हारा हुआ सा महसूस होता है। फिर उन स्थितियों से बचने के तरीके की तलाश करें या फिर अलग-अलग रिलैक्सिंग टेकनिक्स के साथ उनके लिए तैयार रहें।
    • अपने डेली रूटीन में मेडिटेशन , योगा या बस रेगुलर नेप्स या झपकी लेना शामिल करें। आप चाहें तो डीप ब्रीदिंग , एक्यूपंचर, मसाज लेना, वार्म बाथ लेना या फिर आईने के सामने खड़े होकर बस कुछ अच्छे, खुद को बढ़ावा देने वाले शब्दों को भी बोलकर देख सकते हैं।
  5. अगर आपको इससे संबन्धित कोई बोवेल कंडीशन (पेट की समस्या) है, तो हर्बल ट्रीटमेंट इस्तेमाल करके देखें: हालांकि, अगर आपके हाइपर एसिडिटी के लक्षण अल्सरेटिव कोलाइटिस या आंत में सूजन (ulcerative colitis or bowel inflammation) से संबंधित हैं, तो इनसे मदद मिलने की बात के कुछ सबूत मौजूद हैं। हालांकि, इन्हें ही एक असली उपचार मानकर केवल इन्हीं के भरोसे न रह जाएँ।
    • आधा कप एलोवेरा जूस पिएं। आप चाहें तो इसे पूरे दिनभर के दौरान पी सकते हैं, लेकिन एक दिन में 1 से 2 कप से ज्यादा न पिएं। एलोवेरा एक लेक्सेटिव (laxative) की तरह काम कर सकता है।
    • सौंफ (fennel) की चाय पिएं। करीब एक चम्मच सौंफ के दाने पीसें और उसमें एक कप उबला पानी मिलाएँ। स्वाद के लिए शहद मिलाएँ और दिन में खाने से 20 मिनट पहले 2 से 3 कप पी लें। सौंफ के दाने पेट को सेटल करने में मदद करते हैं और एसिड लेवल्स को कम करते हैं।
    • स्लिपरी एल्म (slippery elm) लें। स्लिपरी एल्म को एक ड्रिंक की तरह या एक टेबलेट की तरह लिया जा सकता है। एक लिक्विड की तरह, आपको इसे तकरीबन 120 से 150 ml तक लेना होगा। एक टेबलेट की तरह, मेनुफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन को फॉलो करें। स्लिपरी एल्म से इरिटेट हुए टिशू को आराम देने और कोट करने के लिए जाना जाता है।
    • DGL टेबलेट्स लें। डिग्लायसीराइजिनेट लिकोरिस रूट (DGL) चबाने के लायक टेबलेट्स के रूप में आता है। इसका स्वाद अच्छा लगना शुरू होने में थोड़ा टाइम लग जाएगा। लेकिन, ये बहुत अच्छी तरह से काम करता है और हाइपर एसिडिटी को कंट्रोल करता है। इसके डोज़ लेने के लिए मेनुफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन को फॉलो करें। आमतौर पर आपको हर 4 से 6 घंटे में इसके 2 से 3 टेबलेट लेने होंगे।
  6. हेल्दी गट को सपोर्ट करने के लिए एक प्रोबायोटिक सप्लिमेंट लें: प्रोबायोटिक "अच्छे" बैक्टीरिया का वो एक मिक्स्चर होता है, जो नॉर्मली आपके गट में पाया जाता है। इसमें शायद यीस्ट, सैकेरोमाइसिस बोलार्डी (Saccharomyces boulardii) या लैक्टोबेसिलस (lactobacillus) और/या बाईफिडोबैक्टीरियम (bifidobacterium) के कल्चर्स शामिल होते हैं, जिन्हें आमतौर पर आपकी आंत में पाया जाता है। भले ही अभी तक हुई स्टडीज़ इससे बोवेल हैल्थ के ठीक होने का दावा करती हैं, लेकिन फिर भी अभी इसके बारे में स्पष्ट रूप से कोई भी दावा करना मुमकिन नहीं है। [२०]
    • प्रोबायोटिक्स पाने के सबसे आसान तरीकों में, "एक्टिव कल्चर्स" वाला दही का सेवन करना शामिल है।
    • कोई भी सप्लिमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
विधि 3
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कुछ सच्चाई

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  1. इस बात को समझें कि स्मोकिंग से लक्षण और बदतर नहीं बनते: तंबाकू (Tobacco) को पहले एसिड रिफ्लक्स को और भी बदतर बनाने वाला एक कारक माना जाता था। हालांकि, अभी तक हुई तीन स्टडीज़ से पेशेंट के द्वारा स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी कोई असर होते नहीं दिखा है। [२१]
  2. सरसों से इस समस्या में मदद मिलने की बात का कोई सबूत नहीं है।
  3. डॉक्टर्स इस ट्रीटमेंट को रिकमेंड नहीं करते हैं।
  4. हील ड्रॉप एक्सरसाइज के साथ में बहुत सावधानी रखें: "हील ड्रॉप (heel drop)" ट्रीटमेंट एक कायरोपेटिक टेक्निक है, जो साइंटिफिक एविडेंस पर आधारित नहीं है, हालांकि इससे मदद मिलने के कुछ सबूत जरूर हैं। सभी एक्सरसाइज के बारे में पहले अपने फिजीशियन से डिस्कस कर लें।
विधि 4
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जाने, कब मेडिकल इलाज की तलाश करना है

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  1. अगर आपके लक्षण हफ्ते में दो बार से ज्यादा नजर आ रहे हैं या बहुत गंभीर हैं, तो डॉक्टर को दिखा लें: कभी-कभी हाइपर एसिडिटी का अहसास होना नॉर्मल है। हालांकि, लगातार बने रहने वाले या गंभीर लक्षणों के लिए शायद मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है। आपको जो भी महसूस हो रहा है, उसके हाइपर एसिडिटी ही होने की पुष्टि के लिए अपने डॉक्टर को बताएं और अपने ट्रीटमेंट ऑप्शन के बारे में जानें। आपको महसूस होने वाले लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं: [२२]
    • हार्टबर्न (Heartburn) या सीने में जलन
    • आपके मुंह में एक खट्टा-खट्टा स्वाद
    • ब्लोटिंग या पेट फूलना (Bloating)
    • डार्क या काला मल
    • डकार या हिचकी, जो रुकती ही नहीं
    • मितली
    • सूखी खाँसी
    • डिस्फ़ेजिया (Dysphagia, जिसमें अन्नप्रणाली संकरी हो जाती है, जिसमें ऐसा महसूस होता है कि आपके गले में खाना अटका है)
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    साँसों की कमी और जबड़े में दर्द के साथ सीने में दर्द के लिए तुरंत केयर की तलाश करें: भले ये आपको शायद एक हार्टबर्न की तरह महसूस हो सकता है, सीने में दर्द होना हार्ट अटेक का एक लक्षण भी हो सकता है। कोशिश करें कि परेशान न हों, क्योंकि हो सकता है कि शायद आप ठीक ही हों। हालांकि, अच्छा होगा अगर आप तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाकर अपनी हार्ट रेट को चेक करा लें। [२३]
    • हार्ट अटेक के दौरान आपको शायद आपकी बाईं आर्म में भी दर्द महसूस हो सकता है।
    • सीने में दर्द और साँसों की कमी को हमेशा एक इमरजेंसी लक्षण माना जाता है।
  3. अपने लक्षणों के बारे में डिस्कस करें और अच्छा होगा कि डाइग्नोस्टिक टेस्ट भी करा लें: अपने डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में, हाइपर एसिडिटी के लक्षण कब से शुरू हुए और आपने कौन से नेचुरल ट्रीटमेंट ट्राई किए हैं, के बारे में बताएं। वैसे तो वो आपके लक्षणों के आधार पर ही ट्रीटमेंट देंगे, लेकिन फिर भी शायद वो पहले कुछ डाइग्नोस्टिक टेस्ट भी कराएंगे। वो शायद पहले इनमें से 1 या ज्यादा टेस्ट कर सकते हैं:
    • एक अपर एंडोस्कॉपी (upper endoscopy), जिसमें गले में नीचे एक कैमरा भेजकर आपकी अन्नप्रणाली (esophagus) और पेट की जांच की जाती है और शायद एक छोटी सी बायोप्सी भी ली जाएगी। ये टेस्ट आमतौर पर बिना दर्द का होता है, लेकिन इसमें थोड़ा डिस्कंफ़र्ट जरूर फील हो सकता है।
    • एक एंबुलेटरी एसिड (pH) प्रोब टेस्ट, जिसमें आपके एसोफैगस (esophagus) में एक संकरा ट्यूब डालकर 48 घंटे के अंदर के एसिड रेगुलेशन को मापा जाता है। इसमें दर्द नहीं होता, लेकिन ये अनकम्फ़र्टेबल हो सकता है।
    • एक एसोफैगल मैनोमेट्री (esophageal manometry), जो कुछ निगलने के समय आपके गले में मसल कोंट्रेक्शन या संकुचन को मापता है।
    • एक एक्स-रे (X-ray), आपके डाइजेस्टिव ट्रेक्ट को देखने के लिए। आपके डॉक्टर शायद आपको पहले एक लिक्विड को निगलने के लिए कहेंगे, ताकि आपका डाइजेस्टिव ट्रेक्ट एक्स-रे में नजर आए।
  4. जल्दी, कुछ समय के आराम के लिए, एक ओवर-द-काउंटर ऐन्टैसिड (antacids) लें: ऐन्टैसिड आमतौर पर एसिड को न्यूट्रलाइज करके कुछ समय का आराम देते हैं। हालांकि, ये अगर आपकी एसोफैगियल लाइनिंग एसिड से डैमेज हो जाती है, तो ये उसे नहीं आराम देंगे। इसके साथ ही, इन्हें लंबे समय के लिए नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐन्टैसिड लेने के लिए जरूरत के अनुसार लेबल पर दिए इन्सट्रक्शन के अनुसार इसके डोज़ लें। [२४]
    • पॉपुलर ऐन्टैसिड में टम्स (Tums), रोलैड (Rolaid) और माइलेंटा (Mylanta) शामिल हैं।
    • मेनुफ़ेक्चरर के इन्सट्रक्शन को पूरा फॉलो करें, क्योंकि बहुत ज्यादा लेने की वजह से डायरिया जैसे साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। इसी तरह से, अगर डॉक्टर ने ऐसा करने का न कहा हो, तो ऐन्टैसिड को 2 हफ्ते से ज्यादा समय के लिए न लें। इन्हें लंबे समय तक लेने की वजह से मिनरल इम्बैलेंस हो सकता है, जिसकी वजह से किडनी डैमेज भी हो सकता है।
  5. पेट में होने वाले एसिड के प्रॉडक्शन को कम करने के लिए H2 ब्लॉकर्स का यूज करें: आप इन्हें ओवर-द-काउंटर खरीद सकते हैं या फिर प्रिस्क्रिप्शन से इसके स्ट्रॉंग वर्जन को पा सकते हैं। ये करीब 12 घंटे के लिए पेट के एसिड प्रॉडक्शन को कम कर सकते हैं, जिससे आपको आराम मिल सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि आपके लिए कौन सा H2 ब्लॉकर ठीक रहेगा, फिर प्रॉडक्ट के लेबल पर या फिर आपके प्रिस्क्रिप्शन में दिए डोज़ के इन्सट्रक्शन को फॉलो करके इनका यूज करें। आमतौर पर, इन्हें सुबह अपने दिन का पहला खाना खाने से पहले लें। [२५]
    • पॉपुलर H2 ब्लॉकर्स में सिमेटिडाइन (cimetidine, Tagamet), फ़ेमोटिडाइन (famotidine, Pepcid) और रेनिटिडाइन (ranitidine, Zantac) के नाम शामिल हैं।
    • हालांकि इन्हें काम करने में ऐन्टैसिड के मुक़ाबले ज्यादा समय लगता है, लेकिन H2 ब्लॉकर्स बेहतर आराम देते हैं।
    • अपने H2 ब्लॉकर्स को ठीक डाइरैक्शन के अनुसार लें। बहुत ज्यादा लेने की वजह से सिर में दर्द, डायरिया, सिर चकराना या रैश जैसे साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिलते हैं। [२६]
  6. अपने एसोफैगस को आराम देने के लिए प्रोटोन पम्प इन्हिबिटर्स (Proton Pump Inhibitors या PPIs) ट्राई करें: PPIs आपके पेट में एसिड के प्रॉडक्शन को कम करते हैं और आपके एसोफैगस को आराम देने में मदद करते हैं। आप इन्हें ओवर-द-काउंटर खरीद सकते हैं, लेकिन डॉक्टर आपको इसके स्ट्रॉंग वर्जन को भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। इसे प्रॉडक्ट लेबल पर दिए इन्सट्रक्शन के अनुसार या प्रिस्क्रिप्शन के हिसाब से लें। आपको हर सुबह पहली बार कुछ खाने से पहले इसकी एक गोली लेने की जरूरत पड़ेगी। [२७]
    • PPIs के उदाहरण में एसोमेप्रेजोल (esomeprazole, Nexium), लैंसोप्रेजोल (lansoprazole, Prevacid), ओमेप्रेजोल (omeprazole, Prilosec), पैंटोप्रेजोल (pantoprazole, Protonix), रबप्रेजोल (rabeprazole, Aciphex), डेक्सलांसोप्रेजोल (dexlansoprazole, Dexilant) और ओमेप्रेजोल/सोडियमबाइकार्बोनेट (omeprazole/sodium bicarbonate (Zegerid)) शामिल हैं।
    • बहुत कम मामलों में आपको सिरदर्द, कब्ज, डायरिया, पेट में दर्द, रैश या मितली जैसे साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिलेंगे। [२८]

    वेरिएशन: हालांकि, आप अपनी डाइट और लाइफ़स्टाइल में बदलाव के साथ, दवाइयों के जरिए अपनी हाइपर एसिडिटी को कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन ऐसे कुछ मामले हैं, जिनमें आपके लोअर एसोफैगियल को मजबूती देने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। आपके डॉक्टर आपकी, आपके लिए क्या सही होगा, का फैसला लेने में मदद करेंगे।

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    अपने लोअर एसोफैगियल स्फ़िंचर को मजबूती देने के लिए एक दवाई के बारे में पूछें: आपको शायद आपके लोअर एसोफैगियल स्फ़िंचर के द्वारा आपके पेट में एसिड को आने देने की वजह से हाइपर एसिडिटी महसूस हो सकती है। बैक्लोफेन (Baclofen) नाम की एक दवाई, इस मसल को टाइट करके इसे बंद रखने में मदद कर सकती है। ये आपकी हाइपर एसिडिटी को कम कर सकती है। अपनी दवाइयों को ठीक डाइरैक्शन के मुताबिक लें। [२९]
    • आपके डॉक्टर इस दवाई के आपके लिए सही होने या न होने के बीच का फैसला करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
    • बहुत कम मामलों में, बैक्लोफेन की वजह से मितली या थकान जैसे साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिलते हैं।

सलाह

  • आपके लोअर एसोफैगियल स्फ़िंचर को मजबूती देने के लिए दवाइयाँ उपलब्ध हैं। इनमें: बेट्नेचोल, यूरेकोलीन (bethanechol, Urecholine) और मेटोक्लोप्रमाइड, रेगलन (metoclopramide, Reglan) के नाम शामिल हैं। इन दवाओं के बारे में अपने फिजीशियन से बात करें।

चेतावनी

  • इलाज नहीं किए या लंबे समय से चली आ रही हाइपर एसिडिटी की समस्या की वजह से एसोफैगाइटिस (esophagitis), एसोफैगियल ब्लीडिंग (esophageal bleeding), अल्सर (ulcers), और बैरेट के एसोफैगस (Barrett’s esophagus) के नाम से जानी जाने वाली एक कंडीशन होने का रिस्क रहता है, जो आपको एसोफैगियल कैंसर के ज्यादा बड़े रिस्क में डाल देते हैं।
  • PPIs का लंबे समय तक इस्तेमाल हिप, कलाई या रीढ़ के ऑस्टियोपोरोसिस-संबंधी फ्रैक्चर के रिस्क से जुड़ा रहता है। [३०]

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