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चक्कर आना (vertigo) एक ऐसा अनुभव है जिसमें सारी दुनिया घूमती हुई नज़र आती है या हिलती हुई लगती है, जबकि आप स्थिर होते हैं। डिज़िनेस (dizziness) भी चक्कर आने के साथ जुड़ा हुआ है जिसके फलस्वरूप मिचली आना, संतुलन की समस्या, समझ के मुद्दे, और अन्य परेशानियाँ आती हैं। चक्कर आने को बिनाइन पेरोकसिज़मल पोजीशनल वर्टिगो (benign paroxysmal positional vertigo or BPPV) के रूप में पहचाना जाता है या यह एक बुनियादी विकार का लक्षण हो सकता है। चक्कर आने से रोकने के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि चक्कर आने का कारण क्या है और इसका उपयुक्त इलाज करें। अधिक जानकारी के लिए पढें कि चक्कर आने को कैसे रोका जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

प्रमाणित उपचार

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  1. अपने चिकित्सक से मिलकर इस बात का पता लगाएँ कि आपके चक्कर आने का क्या कारण है। चक्कर आना प्राय: भीतरी कान की समस्याओं से संबंधित है जिसे बिनाइन पेरोकसिज़मल पोजीशनल वर्टिगो (benign paroxysmal positional vertigo or BPPV) और मिनियर्स रोग (Méniére's disease) के नाम से जाना जाता है लेकिन इसके लिए अन्य कई परिस्थितियाँ भी हो सकती हैं। अपने आप BPPV या मिनियर्स रोग का उपचार करने की कोशिश न करें। जब तक कि आपको डायग्नोसिस न मिले और आप सुनिश्चित न हों कि आपको क्या हुआ है, इन समस्याओं के उपचार चक्कर आने को कम करने में कोई सहायता नहीं करेंगे। यहाँ पर कुछ अन्य परिस्थितियाँ दी गयी है जिनके कारण चक्कर आते हैं: [१]
    • अन्य भीतरी कान की समस्याएँ जैसे कि वेस्टिब्यूलर न्यूराइटिस (vestibular neuritis) या लेब्रिनथाइटिस (labyrinthitis)।
    • सिर की चोटें और कान की चोटें।
    • माइग्रेन सिरदर्द।
    • धमनियों में खून के प्रवाह में कमी जो कि नसों में खून की आपूर्ति करती है।
    • मस्तिष्क का ट्यूमर (tumors)।
    • स्ट्रोक (Stroke)।
    • शराब पीने या दवाईंयाँ लेने से परेशानी।
  2. चिकित्सक को यह पता लगाने दें कि आपकी परेशानी का कारण कौन-सा कान है: आप उन्हें यह बताएँ कि आपको कौन-से कान में तकलीफ है। जो इलाज आपको मिल रहा है वह अलग हो सकता है क्योंकि आपका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी कौन-सी साइड प्रभावित है।
    • जब आपको चक्कर आएँ तो इस बात पर भी पर ध्यान दें। यदि आपको बिस्तर में दाईं ओर करवट लेकर सोने पर चक्कर आता है, तो सम्भवतः आपका दायाँ कान प्रभावित है। [२]
    • यदि आप यह पता नहीं लगा सकते कि कौन-सा कान परेशानी का कारण है तो अपने चिकित्सक से पूछें।
  3. एप्ले मनुवर एक सिर घुमाने की प्रक्रिया है जिसमें आपके भीतरी कान के क्रिस्टल ढीले हो जाते हैं तथा बाद में वे अपने स्थान पर लौट जाते हैं। [३] एप्ले मनुवर एक चिकित्सक बिना किसी खास औजार के आसानी से कर सकता है। एप्ले मनुवर यदि उचित तरीके से किया जाये तो BPPV के लिए एक प्रभावशाली उपचार है।
    • एक बार जब आपका चिकित्सक यह सिखा दें कि एप्ले मनुवर कैसे किया जाता है, तो आप अगली बार चक्कर आने पर घर पर ही इसे अपने आप कर सकते हैं। आप ऑन लाइन वीडियो देखकर भी सिर की विभिन्न अवस्थाएँ सीख सकते हैं।
    • एप्ले मनुवर करने के बाद 48 घंटे तक अपनी गर्दन को स्थिर रखें।
    • यदि आप सुनिश्चित नहीं है कि आपको BPPV हुआ है या नहीं, तो एप्ले मनुवर न करें। यदि आपको बुनियादी तौर पर यह परेशानी है, तो आप यह सुनिश्चित करें कि आपको उचित उपचार मिलें। [४]
  4. मिनियर्स रोग (Méniére's disease) के उपचार के लिए बॉडी फ्लूइड (body fluids) को नियंत्रण में रखें: अपने बॉडी फ्लूइड के अवरोधन (retention) को नियंत्रित कर लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं और बार-बार चक्कर आने के प्रकरणों को कम कर सकते हैं जो कि भीतरी कान की समस्या के कारण होते हैं। ऐसा करने के लिए निम्न उपाय अपनायें:
    • MSG के साथ नमक के सेवन और भोजन को सीमाबद्ध करें।
    • मूत्रवर्धक (diuretic) दवाई लेने का विचार करें जिससे फ्लूइड के अवरोधन में कमी आएगी।
    • बेटाहिस्टाईन हाइड्रोक्लोराइड (betahistine hydrochloride) लेने के बारे में गौर करें। यह कहा जाता है कि इस दवाई से चक्कर की आवृत्ति और गंभीरता में कमी आती है जो कि भीतरी कान के आस-पास खून का प्रवाह बढ़ने के कारण होता है। [५] यह प्राथमिक तौर पर मिनियर्स रोग के उपचार के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। अपने चिकित्सक से इस उपचार के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करें।
  5. यदि नॉन-सर्जिकल उपचार प्रभावशाली नहीं है, तो यहाँ पर सर्जिकल प्रक्रियाएँ हैं जिनसे चक्कर आना ठीक हो सकता है जो कि निश्चित तौर पर भीतरी कान की समस्या के कारण होता है। [६] यदि आपके चक्कर आने का कारण निम्नलिखित विकारों में से एक है, तो इसका इलाज सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है:
    • BPPV
    • मिनियर्स रोग (Ménière's disease)
    • वेस्टिब्यूलर न्यूराइटिस (Vestibular neuronitis)
    • क्रोनिक लेब्रिनथाइटिस (Chronic labyrinthitis)
  6. BPPV सबसे आम प्रकार का चक्कर आना है। यह तब होता है, जब बहुत छोटे कैल्शियम कार्बोनेट क्रिस्टल आपके भीतरी कान के एक हिस्से से तैरते हुए, दूसरे भाग में चले जाते हैं, जिससे आपका संतुलन बिगड़ जाता है और चक्कर आने की असहज भावना का अनुभव होता है। क्रिस्टल रात के समय अपनी जगह से हट जाते हैं जब आप अपना सिर हिलाते हैं। सोते समय अपना सिर थोड़ा-सा ऊँचा सहारा लेकर सोएँ जिससे चक्कर बार-बार आने में रोक लगेगी। [७] [८]
    • अपनी पीठ के सहारे पर सोएँ, साइड या पेट के बल पर न सोएँ, और अपने सिर को एक अन्य तकिये की मदद से ऊँचा सहारा लेकर सोएँ।
  7. यदि आपको BPPV है तो इस तरह की गतिविधि से क्रिस्टल भीतरी कान में अपने स्थान से हट जायेंगे और जिसके कारण चक्कर आयेंगे। [९] अपने शरीर की हरकतों के बारे में जागरूक रहें तथा झुकने से बचने के लिए कदम उठाएँ:
    • यदि आप कुछ ऊपर उठना चाहते हैं तो कमर से झुकने की बजाय घुटनों को मोड़कर नीचे बैठकर उठाएँ।
    • ऐसा कोई भी व्यायाम न करें जिसमें ऊपर से नीचे होना पड़े या आगे की ओर झुकना पड़े।
  8. जो गति आप प्रयोग करते हैं जब आप अपनी गर्दन खींचते हैं किसी भी चीज़ तक पहुँचने के लिए, यह भी क्रिस्टल के बिखरने का एक कारण हो सकता है। कोशिश करें कि अपनी गर्दन को ऊपर की ओर न खींचे। जब आप अपनी गर्दन को खींचते हैं, तब अपना सिर धीरे से घुमाएँ, अपने सिर को लटकने न दें।
  9. कोई भी झटकेदार गतिविधि जो आप करते हैं जिसमें आपका सिर हिलता है, उसके परिणामस्वरूप भी चक्कर आ सकते हैं मुख्यतः जब आप कुछ लेने के इच्छुक हों। ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें जिसमें आप एक ऐसी परिस्थिति में हो जिसमें आपका सिर आस-पास जल्दी घूमता है।
    • रोलर-कोस्टर या किसी भी अन्य सवारी की यात्रा न करें जिसमें आपका सिर आगे ओर पीछे होता है।
    • ऐसे खेलों से बचें जिसमें सिर का अचानक हिलना हो। उच्च प्रभाव के खेलों की बजाय तैरना, घूमना या जॉगिंग पर ही स्टिक रहें।
  10. यह सभी सुपरफूड की तरह विभिन्न बिमारियों का इलाज करता है जिसमें कुछ चक्कर आने जैसी घटनाएँ भी शामिल हैं। [१०] अदरक के कैप्सूल सप्लीमेंट (ginger capsule supplements) रोजाना एक लें या अपने आप कुछ भोजन करें। कई चक्कर आने वाले रोगियों के लिए अदरक एक सामान्य सफल उपचार है।
  11. तम्बाकू का धूम्रपान चक्कर के इलाज के प्रभाव को कम करता है। [११] धूम्रपान तथा अन्य तम्बाकू के उत्पादों के प्रयोग में कटौती करें जिससे चक्कर आने के प्रकरण (episode) कम हो साथ ही गंभीर लक्षणों में कमी आये।
  12. आँखों की रोशनी कम हो जाने से भी चक्कर आने की अवधि बहुत गंभीर हो जाती है। [१२] यह सुनिश्चित करें कि आपकी ऑंखें साफ हों तथा अपने आखों के चिकित्सक से इनकी नियमित जाँच कराएँ। यह सुनिश्चित करें कि आपके पास चश्मे या कॉन्टेक्ट (contacts) एक सही पर्चे के अनुसार हो।
विधि 2
विधि 2 का 3:

संभवतः प्रभावशाली इलाज

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  1. ज्यादा नमक कुछ प्रकार के चक्कर को बिगाड़ सकता है जैसे-एन्डोलिम्फेटिक हाइड्रोप्स (endolymphatic hydrops) या माइग्रेन संबंधी वर्टिगो (migraine-associated vertigo)। [१३] अपनी शराब के सेवन को सीमाबद्ध करें ओर धूम्रपान से बचें। पानी खूब पीयें ओर यह सुनिश्चित करें कि आपके आहार में विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में हों।
    • कैफीन (caffeine) सम्भवतः टिनिटस (tinnitus) (कई बार चक्कर आने के कारण कान बजते हैं) पर ज्यादा असर नहीं करता। सामान्यतौर पर यह ही उत्तम होता है कि आप जिस मौजूदा कैफीन का सेवन कर रहें हैं, आकस्मिक बदलाव की बजाय उसी पर स्टिक रहें। [१४]
  2. कई चक्कर आने वाले लक्षण के रोगियों ने यह पाया है की व्यायाम चक्कर आने के इलाज में मददगार है। [१५] धीरे शुरुआत करें और शुरू में सीधे खड़े होकर अपनी गर्दन को धीरे-धीरे साइड में हिलाएँ। आसान खिचाव दें और कई बार सैर करना भी चक्कर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। आप एक पेशेवर स्वास्थ्यकर्मी से विशेष प्रकार के चक्कर के लिए विशेष व्यायाम पूछ सकते हैं। एक गलत प्रकार का व्यायाम करना निष्फल हो सकता है इसलिए यह ही उत्तम है कि बिना डायग्नोसिस के इसे न करें। [१६]
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कुछ गलत धारणाएँ (Mythbusting)

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  1. घरेलू उपचार जिसमें चुंबक शामिल है गलत धारणा पर आधारित है, विज्ञान पर नहीं। यह जल्द ही भविष्य में बदल सकता है जैसे ही शोध में यह पाया जाता है कि एम आर आई (MRI) मशीन के मजबूत चुम्बक के सम्पर्क में आने से सिर के चक्कर की अलग ही प्रतिक्रिया होती है। [१७] यह एक उपचार के रूप में विकसित नहीं किया गया है, यहाँ तक कि एक ठोस विचार भी नहीं है।
  2. चक्कर के इलाज के लिए स्विमर्स ईयर (swimmer's ear) की दवाई का प्रयोग न करें: स्विमर्स ईयर एक प्रकार का संक्रमण है जिसका सामान्यतौर पर एंटीबायोटिक (antibiotic) से इलाज किया जाता है। स्विमर्स ईयर की दवाई तभी लें यदि आपको स्विमर्स ईयर के विभिन्न लक्षण हों, न कि केवल चक्कर आने पर।

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