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हमारे पैर में 26 हड्डियां होती हैं इनमें से बहुत सी हड्डियां ऐसी होती हैं जिनमें चोट लगने का खतरा बहुत ज़्यादा होता है। अगर आप किसी चीज़ में जोर से पैर मारेंगे तो इससे आपके अंगूठे की हड्डी टूट सकती हैं अगर ऊंचाई से कूदेंगे तो इससे आपकी एड़ी की हड्डी टूट सकती है, पैर में मोच आने पर दूसरी हड्डियां भी टूट सकती हैं। हालांकि बच्चों में हड्डी टूटने का खतरा बड़ों से ज़्यादा होता है, क्योंकि उनके पैर लचीले होते हैं लेकिन बच्चों की हड्डियां टूटने के बाद जल्दी जुड़ भी जाती हैं।

भाग 1
भाग 1 का 3:

पैर टूटने के लक्षणों को पहचानें

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  1. चलने पर आपके पैर में बहुत ज्यादा दर्द होता है इस बात पर गौर करें: पैर टूटने की सबसे बड़ी निशानी यह होती है कि जब भी आप पैर पर थोड़ा सा भी दबाव डालते हैं या चलते हैं तो पैर में बहुत तेज़ दर्द होता है। [१]
    • अगर आपके पैर का अंगूठा टूट जाता है, तब भी आप बिना किसी कठिनाई या दर्द के चल सकते हैं लेकिन अगर आपका पैर टूटता है, तो चलते समय आपको असहनीय दर्द होता है। जूते पहनने से अक्सर दर्द का पता नहीं चलता क्योंकि जूता टूटी हुई हड्डी को काफी हद तक सहारा दे देता है इसलिए अगर आपको ऐसा लगता है कि पैर में फ्रैक्चर है, तो सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप जूता उतारकर चोट को देखें।
  2. ऐसा करने से आप दोनों पैरों को एक साथ रखकर तुलना कर सकते हैं और इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि आपका पैर टूटा है या नहीं। [२]
    • अगर आप अपने पैर से किसी की मदद करने के बावजूद भी जूते और मोजे नहीं उतार पा रहे हैं, तो किसी नजदीकी इमरजेंसी रूम (emergency room) में जाएं या 911 पर कॉल करें क्योंकि अगर आपका पैर टूटा है, तो आपको जल्द से जल्द मेडिकल देखभाल की जरूरत पड़ेगी। इससे पहले कि सूजन के कारण आपके पैर की हालत और बिगड़ जाए अपने जूते और मोजे उतार दें।
    • जब भी आपका पैर टूटता है, तो उसके साथ-साथ पैर पर चोट भी लगती है उदाहरण के तौर पर आपका पैर कहीं दब गया हो या ठोकर लग गई हो। ऐसा अक्सर एक ही प्रक्रिया बार-बार दोहराने से होता है जैसे कि स्पोर्ट्स (sports) खेलने में या कभी-कभी चलते समय भी ऐसी चोटें आ जाती हैं।
  3. अपने दोनों पैरों की तुलना करें और देखें कि पैरों पर किसी चोट, सूजन या जख़्म के निशान तो नहीं हैं: चेक करें कि आपके जिस पैर पर चोट लगी है उस पर सूजन है या नहीं और पैरों की उंगलियों को भी चेक करें। आप अपने चोट लगे हुए पैर की तुलना अपने दूसरे पैर से भी कर सकते हैं कि कहीं पैर काफ़ी ज्यादा लाल और संक्रमित दिख रहा हो या पूरे पैर पर हरे और नीले चोट के निशान हों। आपको पैर पर खुले हुए ज़ख्म भी दिख सकते हैं। [3]
    • पैर की हड्डी टूटटी है तब उसके साथ-साथ रक्त वाहिकाएं (blood vessels) भी टूट जाती हैं जिसके कारण पैर पर लाल निशान या चोट के निशान दिखने लगते हैं।
    • ज्यादातर चोट लगने पर सूजन आ जाना एक आम बात है लेकिन अगर आपको गंभीर फ्रैक्चर हुआ है तो इससे पैर पर काफी ज़्यादा सूजन आ जाती है और पैर में पानी (fluid) जमा हो जाता है जिसके कारण पैर पर छाले हो जाते हैं।
  4. चेक करें कि आपका पैर टूट गया है या पैर में मोच आई है: आप इसकी भी जांच कर सकते हैं कि आपका पैर टूटा है या उस में मोच आई है। पैर में मोच तब आती है जब आपका कोई लिगामेंट खिंच या टूट जाता है, लिगामेंट एक टिशू (tissue) होता है जो दो हड्डियों को आपस में जोड़ता है। हड्डी टूटने का मतलब फ्रैक्चर हो जाना या पूरी तरह से हड्डी का टूट जाना होता है। [4]
    • पैर की कोई हड्डी त्वचा से बाहर दिख रही हो इसको देखें, ऐसा खुले हुए ज़ख्म में होता है इसके लिए मेडिकल केयर (medical care) लें ताकि इसका इलाज जल्द से जल्द किया जा सके।
  5. अगर आपको लगता है कि आपका पैर टूट गया है, तो आपको किसी नज़दीकी इमरजेंसी रूम जाना चाहिए। अगर आप अकेले हों और कोई आपकी मदद करने के लिए मौजूद ना हो तो 911 पर कॉल करें। टूटे हुए पैर के साथ कार चलाकर अकेले इमरजेंसी रूम ना जाएं। [5] हड्डी टूटने से अंग सुन पड़ जाता है या चक्कर आने लगते हैं ऐसे में ड्राइव करने में बहुत खतरा होता है।
    • अगर आपके साथ कोई ऐसा व्यक्ति है जो ड्राइव करके आपको इमरजेंसी रूम ले जाए तो कोशिश करें की आपका पैर एक ही जगह रहे ताकि कार चलाते समय पैर ज़्यादा हिले डुले नहीं और सुरक्षित रहे। इसके लिए आप तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं, तकिये को पैर के नीचे रख लेंI पैर को टेप की मदद से बांध ले इससे आपका पैर सीधा रहेगा। जब भी यात्रा करें तो अपने पैर को थोड़ा ऊंचा रखने की कोशिश करें इसके लिए कार की पीछे वाली सीट पर बैठें।
भाग 2
भाग 2 का 3:

डॉक्टर से पैर का इलाज करवाएं

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  1. हड्डी टूटी है या नहीं इसके लिए डॉक्टर आपके पैर को कई जगह से दबाकर देखेगा। ऐसा करने पर अगर आपको दर्द होता है, तो यह इस बात की निशानी है कि आपका पैर टूट गया है। [6]
    • अगर आपका पैर टूट गया है, तो जब डॉक्टर आपके पैर को छोटी उंगली या पैर को बीच से दबाएगा तो आपको दर्द महसूस होगा। ऐसे में आप चार कदम भी बिना किसी के सहारे से या बिना दर्द के नहीं चल सकते हैं।
  2. अगर डॉक्टर को ऐसा शक होता है कि आपके पैर की हड्डी टूट गई है, तो वह आपको पैर का एक्सरे करवाने के लिए कहेगा।
    • हालांकि कभी-कभी एक्सरे से भी यह बता पाना मुश्किल हो जाता है कि आपकी हड्डी टूटी है या नहीं क्योंकि सूजन की वजह से हड्डियां ठीक से दिखाई नहीं देतीं। लेकिन फिर भी एक्सरे की मदद से यह पता चल सकता है कि पैर की कौन सी हड्डी टूटी है और उसका इलाज किस तरह किया जा सकता है।
  3. इलाज के विकल्प इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके पैर की कौन सी हड्डी टूटी है।
    • अगर आपकी एड़ी की हड्डी टूटी है या उसमें फ्रैक्चर आया है, तो आपको सर्जरी (surgery) की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर आपकी टेलॅस (talus) हड्डी टूटी है, जो कि आपके पैरों को टांगों से जोड़ती है तब भी आपको सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है लेकिन अगर आपके पैर की छोटी उंगली टूट जाती है तब शायद आपको सर्जरी की जरूरत ना पड़े।
भाग 3
भाग 3 का 3:

घर पर रहकर पैर की देखभाल करें

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  1. जब आपके टूटे हुए पैर का इलाज हो जाए, तो उस पैर का जितना हो सके उतना कम इस्तेमाल करें। बेसाखियों का इस्तेमाल करें और यह सुनिश्चित करें कि आपका सारा वज़न आपके कंधों पर बाहों पर और बेसाखियों पर आए और पैरों पर बिल्कुल ना आए।
    • अगर आपके पैर की उंगली या उंगलियां टूटी हैं, तो टूटी हुई उंगली को टेप की मदद से साथ वाली उंगली से बांध दिया जाता है ताकि वह हिले-डुले नहीं। अपनी टूटी हुई उंगली पर बिल्कुल भी वज़न ना डालें और इसे पूरी तरह ठीक होने के लिए 6 से 8 हफ्तों तक आराम दें।
  2. सूजन कम करने के लिए पैर को कहीं ऊंचा रखकर बर्फ लगाएं: बेड पर तकिया रखकर फिर उसपर अपना पैर रखें या फिर किसी कुर्सी पर पैर को इस तरह रखें कि आपका पैर आपके बाक़ी शरीर से ऊपर रहे ऐसा करने से सूजन कम करने में मदद मिलेगी।
    • सूजन कम करने के लिए पैर पर बर्फ लगाएं खासतौर पर तब, जब पैर पर बैंडेज (bandage) लगा हो और कास्ट (cast) ना हो। बर्फ को पैर पर लगातार 10 मिनट तक लगाएं और चोट लगने के शुरुआती 10-12 घंटों तक ऐसा हर घंटे करते रहें।
  3. अपने डॉक्टर की सलाह से दर्द को ख़त्म करने वाली दवाइयां (pain relievers) लें: आपका डॉक्टर आपको दर्द कम करने वाली दवाइयां देगा या फिर आमतौर पर दर्द को कम करने वाली दवाइयां (over-the-counter pain relievers) लेने की सलाह देगा जो आपका दर्द कम करने में मदद करेंगी। इन दवाइयों को केवल इसी तरह खाएं जिस तरह आपका डॉक्टर खाने को कहे या फिर जैसा कि उन पर लिखा हुआ (label) हो।
  4. नियमित रूप से पैर की जांच करवाने के लिए डॉक्टर के साथ एक शेड्यूल (Schedule) रखें: ज़्यादातर फ्रैक्चर को ठीक होने में 6 से 8 हफ्ते लग जाते हैं। जैसे ही आप पैर पर वज़न देना शुरू कर दें और चलने लगे तो अपने पैर की नियमित रूप से जांच करवाने के लिए डॉक्टर के साथ एक शेड्यूल रखें। आपका डॉक्टर शायद आपको ऐसा जूता पहनने की सलाह देगा जिसका नीचे का हिस्सा सख़्त (rigid) और सपाट हो इससे आपके पैर को जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।

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