आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

पैरों के नाखूनों में फंगल संक्रमण या ओनिकोमाइकोसिस (onychomycosis), एक आम बीमारी है जिसमे फंगस नाख़ून के तले, मैट्रिक्स या प्लेट को इन्फेक्ट करता है। [१] [२] फंगल संक्रमण के कारण नाखूनों में दर्द, बेचैनी और सौन्दर्य सम्बंधित चिंताओं के अलावा रोज़ाना की ज़िन्दगी पर भी असर पड़ सकता है। यदि यह संक्रमण गंभीर हो जाए तो यह नाखूनों को स्थायी क्षति पहुंचा सकता है या नाखूनों के बाहर भी फ़ैल सकता है। [३] यदि आपके पैरों के नाखुनो में फंगल संक्रमण है तो कुछ आसान उपाय अपनाकर आपके नाख़ून स्वस्थ हो सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 2:

पैरों के नाखूनों में फंगल संक्रमण का चिकित्सकीय इलाज

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. फंगल संक्रमण का इलाज करने से पहले आपको उसके चिन्हों का पता होना चाहिए। हांलाकि नाखूनों के फंगल संक्रमण में हमेशा एक जैसे लक्षण नहीं होते, इसका सबसे सामान्य लक्षण नाखूनों का नर्म होना या उनमे दर्द होना होता है। फंगल संक्रमण के कारण नाखूनों में अन्य बदलाव भी आ सकते हैं जैसे कि उनका रंग बदलना। साधारणतः फंगल संक्रमण से नाखून पीले पड़ जाते हैं या किनारों में सफ़ेद धारियां पड़ जाती हैं। नाखूनों के नीचे और चारों तरफ गंदगी के जमा होने के कारण, नाखूनों के बाहरी किनारे मोटे होकर टूटने लगते हैं, नाखून ढीले होकर ऊपर उठ सकते हैं या नाज़ुक हो सकते हैं। [४]
    • हांलाकि फंगल संक्रमण का इलाज साधारणतः सुन्दरता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है, परन्तु यह संक्रमण एक गंभीर रूप ले सकता है और इसलिए इसका इलाज करना ज़रूरी है। गंभीर रूप में यह नाखूनों को स्थायी क्षति पहुंचा सकता है। यदि आपको मधुमेह का रोग है या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर है तो फंगल संक्रमण नाखूनों के बाहर भी फ़ैल सकता है।
    • पैरों में फंगल संक्रमण साधारणतः ट्राईकोफाईटन रुब्रम (Trichophyton rubrum) जैसे फंगस की वजह से होता है। यह नॉन-डरमैटोफाईट (non-dermatophyte) फंफूद या यीस्ट के कारण भी हो सकता है, जो साधारणतः कैनडीडा (Candida) प्रजाति के होते हैं। [५]
  2. नाखूनों में फंगल संक्रमण का इलाज करना कठिन होता है। आम धारणा के विपरीत, बिना पर्चे के मिलने वाली फंगल इन्फेक्शन की दवाइयां पैरों के दाद के लिए होती हैं, और नाखूनो के अन्दर नहीं घुस पातीं। इसलिए वे इस बीमारी का इलाज़ करने में असक्षम होती हैं। [६]
  3. फंगल इन्फेक्शन के इलाज का सबसे प्रभावशाली तरीका चिकित्सक द्वारा निर्धारित की गयी ओरल एंटी-फंगल दवाइयां होती है। इन दवाइयों से इलाज करने में 2 से 3 महीने या ज्यादा लग सकता है। इस तरह की दवाइयों में से एक है लैमिसिल (Lamisil), जो साधारणतः 12 हफ़्तों के लिए रोज़ाना 250 मिलीग्राम निर्धारित किया जाता है। इसकी वजह से चकत्ते, दस्त और कलेजे के एंजाइम में असमान्यताएं जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इस दवाई का उपयोग कलेजे या गुर्दे से सम्बंधित रोगों में नहीं करना चाहिए।
    • आप इट्रोकोनाज़ोल (itraconazole) जो स्पोरानोक्स (Sporanox) नाम से मिलती है, का उपयोग भी कर सकते हैं, जो साधारणतः 12 हफ़्तों के लिए रोज़ाना 200 मिलीग्राम निर्धारित किया जाता है। इसकी वजह से चकत्ते, जी घबराना और कलेजे के एंजाइम में असमान्यताएं जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। यदि आपको कलेजे से सम्बंधित कोई बीमारी है तो इस दवाई का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्पोरानोक्स, विकोडिन (Vicodin) और प्रोग्राफ (Prograf) जैसी 170 अन्य औषधियों पर परस्पर प्रभाव डालता है, इसलिए, इसे लेने से पहले चिकित्सक से इस विषय में विचार करना न भूलें। [७]
    • अगर आपको लिवर सम्बन्धी कोई समस्या, डिप्रेशन, कमजोर इम्यून सिस्टम, या कोई ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर है तो कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर को जरूर बतायें। ये दवायें लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकती हैं।
  4. डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब टॉपिकल लोशन्स उपयोग करें: आमतौर पर ये डॉक्टर द्वारा, केवल दर्द की जगह पर असर करने के लिए प्रिस्क्राइब नहीं की जाती, बल्की ओरल मेडिसिन के साथ में इलाज की अवधि कम करने के लिए भी प्रिस्क्राइब की जाती हैं। यदि आपको दीर्घकालीन मौखिक दवाइयों से हिचकिचाहट है तो टॉपिकल लोशन्स अच्छे विकल्प हैं।
    • आप सिक्लोपिरोक्स (Ciclopirox) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह 8% सॉलूशन होता है जिसका उपयोग 48 हफ़्तों तक किया जाता है। [८]
    • इसके अलावा आप एक नयी दवा, जुबलिया (Jublia) का उपयोग कर सकते है जो कि 10% सॉलूशन होता है। इसका उपयोग भी 48 हफ़्तों तक किया जाता है।
  5. यदि आपके नाखूनों में गंभीर रूप से फंगल इन्फेक्शन हुआ है तो उसके इलाज के लिए सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है। ऐसे में पूरा नाख़ून या उसका कुछ हिस्सा उखाड़ना पड़ सकता है। पीड़ित नाखून को शिल्य-चिकित्सा से उखाड़ने के बाद एंटी-फंगल औषधि का उपयोग करना पड़ता है ताकि फिर से संक्रमण ना हो।
    • साधारणतः नाख़ून को पूरी तरह से उखाड़ने की जरूरत नहीं पड़ती है। [९]
  6. औषधीय एवं शिल्य-चिकित्सा के अलावा उपचार के अन्य विकल्पों के विषय में विचार करें: इस विधि में दवा या शिल्य-चिकित्सा की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस विधि में मरे हुए या संक्रमित मांस-तंतु को हटाना एवं नाखूनों को संक्रमण के स्थान पर काटना होता है। यह उपाय गंभीर संक्रमण या असामान्य विकास के लिए उपयुक्त किये जाते हैं।
    • साधारणतः चिकित्सक यूरिया का लेप लगाकर उस पर पट्टी कर देते हैं। इससे 7 से 10 दिनों में नाखून नरम हो जाते हैं। इसके पश्चात् चिकित्सक पीड़ित जगह को काट कर हटा सकते हैं। आम तौर पर इस विधि से अधिक पीड़ा नहीं होती। [१०]
  7. आजकल लेज़र-चिकित्सा के विकल्प भी उपलब्ध हैं परन्तु यह बहुत महंगे होते हैं। यह विधि एक तीव्र फोकस वाले किरण के उपयोग से संक्रमित स्थान पर फंगस को नष्ट कर देता है। सम्पूर्ण इलाज के लिए इस विधि का कई बार उपयोग करना पड़ सकता है और इस कारण यह उपचार और भी महंगा पड़ता है। [११]
    • इस ट्रीटमेंट पर अभी और रिसर्च करने की आवश्यकता है। जब तक इस पर और रिसर्च नहीं हो जाती तब तक लेज़र ट्रीटमेंट रूटीन यूज़ के लिए रेकमेंड नहीं किया जा सकता।
विधि 2
विधि 2 का 2:

इलाज के अन्य विकल्प (Home Remedies for Toe Fungus)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. फंगस के चिकित्सा के लिये आप विक्स वेपोरब का उपयोग कर सकते हैं जो बिना पर्चे के खरीदा जा सकता है। एक जाँच के अनुसार विक्स वेपोरब का 48 हफ्तों तक उपयोग से, संक्रमण में उतना ही आराम मिलता है, जितना की 8% सैक्लोपिरोक्स (Ciclopirox) के उपयोग से मिलता है। [१२] फंगस के इलाज के लिए नाखूनों को साफ़ करके और सुखाकर विक्स वेपोरब को उँगलियों या रूई से लगाएं। 48 हफ़्तों तक रोज़ाना पीड़ा के स्थान पर थोड़े से विक्स वेपोरब का उपयोग करें।
    • संक्रमण 48 हफ़्तों के पहले ही कम हो सकता है, फिर भी सम्पूर्ण इलाज के लिए विक्स वेपोरब का उपयोग जारी रखें।
  2. आप फंगस का इलाज़ करने के लिए टी ट्री ऑइल का उपयोग भी कर सकते हैं। एक रिसर्च के अनुसार यह फंगस के इलाज़ में प्रभावी पाया गया है। 18% लोगों में, 24 हफ़्तों तक रोज़ाना दो बार टी ट्री ऑइल का उपयोग करने से, यह संक्रमण पूरी तरह से नष्ट हो गया। [१३] नाखूनों में फंगल संक्रमण का इलाज करने के लिए टी ट्री ऑइल का 100% घोल का उपयोग करें, क्योकि इससे कम तीव्रता वाले घोल उतने प्रभावी नहीं पाए गए हैं। [१४]
    • तेल लगाने के पहले ध्यान रखें की आपके नाखून साफ़ और सूखे हुए हों। रूई से थोड़ा सा तेल पीड़ित स्थान पर 6 महीनों तक रोज़ाना 2 बार लगायें।
  3. 110 लोगो पर किये गए एक अध्ययन के अनुसार स्नेकरूट के पत्तों का रस उतना ही प्रभावी पाया गया जितना कि अन्य स्थानीय औषधियां। इसका उपयोग करने के लिए, पहले 4 हफ़्तों तक हर तीसरे दिन, अगले 4 हफ़्तों तक हफ्ते में 2 बार, और अंतिम 4 हफ़्तों तक हफ्ते में एक बार रस को नाखूनों पर लगायें।
  4. कई कारणों से संक्रमण की सम्भावना बढ़ जाती है। वृद्धावस्था, मधुमेह की बीमारी, कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली एवं पैरों में कम रक्त प्रवाह जैसी अवस्थाओं में फंगल संक्रमण होने की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसी अवस्थाओं में संक्रमण से बचने के लिए आपको और ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। सीलन वाली जगहों पर जूते या चप्पल पहन कर जाना, पैरों के नखुन काटना और साफ़ रखना और पैरों को सूखा रखना बचाव के कुछ तरीके हैं।
    • आपको स्वच्छ और सोखनेवाले मोज़े पहनने चाहियें। ऊन, नायलॉन और पोलिप्रोपलिन जैसे पदार्थ आपके पैरों को सूखा रखने में मदद करते हैं। आपको मोज़े अक्सर बदलने चाहिए।
    • फंगस से छुटकारा पाने के बाद आपको अपने पुराने जूते फेंक देने चाहिए क्योंकि उनमे कुछ फंगस बैक्टीरिया रह जाते हैं। आप आगे से खुले हुए जूते भी पहन सकते हैं क्योंकि ये नमी को कम रखने में मदद करते हैं।
    • नाखूनों को काटने वाले औजार किसी भी व्यक्ति के साथ न बांटें। नेल सैलून ध्यान से चुनें।
    • एंटी-फंगल पाउडर और स्प्रे का इस्तेमाल संक्रमण की सम्भावना कम करने के लिए करें।
    • नाखूनों पर नेलपॉलिश या अन्य कृत्रिम पदार्थों का उपयोग न करें। ये पदार्थ नमी को बढ़ावा देते है और फंगल संक्रमण में मदद करते हैं। [१७]

सलाह

  • यदि आपके नाखूनों में फंगल संक्रमण हो जिससे की ज्यादा दर्द, लाली या पस इकठ्ठा हो जाये तो अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
  • मधुमेह रोग की स्थिति में नाखूनों में फंगल संक्रमण, सेल्युलाईटिस (cellulitis) जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है। सेल्युलाईटिस में त्वचा में बैक्टीरियल संक्रमण होता है। [१८]
  • प्राकृतिक उपचार हमेशा काम नहीं करते, इसलिए यदि एक दो हफ़्तों तक कोई राहत न मिले, तो अपने चिकित्सक से अन्य विकल्पों के विषय में चर्चा करें।
  • यदि आपको फंगल संक्रमण है तो अपने जूते किसी और के साथ न बांटें, क्योंकि उसके बैक्टीरिया जूतों में रहकर अन्य व्यक्ति मे भी फैल सकते हैं।

संबंधित लेखों

सेक्स की इच्छाओं पर काबू पाएँ (Control Sexual Urges)
एक कंडोम का प्रयोग करें
कैसे पता करें कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है या लड़का?
जल्दी सिक्स पैक एब्स प्राप्त करें
कड़े मल को सॉफ्ट बनाएं
सेक्स की अवधी बढ़ाएं (Kaise Sex ka Samay Badhaye)
अपने मन पर काबू पायें (Control Your Mind)
अल्ट्रासाउंड पिक्चर पढ़ें (Read an Ultrasound Picture)
किसी को अपनी आँखों से हिप्नोटाईज (सम्मोहित) करें (Hypnotize Kaise Kare, Kaise Kisi ko Apne Bas Me Kare)
काम वासना पर विजय पायें
वीर्य की मात्रा बढ़ाएँ (Sperm, Shukranu ki sankhya badhayen)
सेक्स के बारे में सोचना बंद करें (Stop Thinking About Sex)
उत्तेजित लिंग (इरेक्शन) को शांत करें
महिला कंडोम का इस्तेमाल करें

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो २४,२४२ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?